साँवरी सलोनी भाग - 4
भाग - 4
आज सलोनी के जन्मदिन की खुशी में रायचंद जी एक छोटी सी पार्टी ये सोच कर रखते है सलोनी जब तक लोगो सामना नही करेगी जब तक वो अपनी इस कैद से बाहर नही आ पाएगी थोड़ा लोगो से बातचीत करेगी तो उसे अच्छा लगेगा !
पर हुआ सब उल्टा ही जब ये बात सलोनी को पता चली तो वो कुछ बोली नही बस अपने कमरे में गईं और दरवाजा बंद कर लिया ! खाने के लिए भी नीचे नही आई न ही अपना दरवाजा खोला काव्या उसके कमरे का दरवाजा खटखटाती रह गयी पर मजाल है अंदर से कोई भी आवाज़ भी आई हो !
काव्या हार कर नीचे आ कर सोफे पर बैठ जाती है उसे साँस लेने में बहुत तकलीफ होने लगी उसकी तबियत अचानक से बिगड़ती चली गयी और वो सोफे पर ही लेट गयी लीला जो उस समय बाहर आ जाती है मालकिन की ऐसी हालत देख कर डर जाती है और जोर जोर से चीखने लगती है सलोनी बेबी सलोनी बेबी जल्दी नीचे आइए देखिए मालकिन को क्या हो गया !
सलोनी शौर सुनकर जल्दी से कमरा खोल कर नीचे आती है
माँ को देख कर उसके भी हाथ पैर फूल जाते है माँ माँ क्या हो गया तुम्हे कुछ तो बोलो माँ ,
पर माँ कुछ बोल ही नही पाती बस सलोनी को देखती रहती है उसकी आवाज़ जैसे गले मे ही दब कर रह गई हो सलोनी के कदम आज दरवाजे की तरफ बढ़ जाते है वो रामु काका को आवाज़ लगा कर उन्हें गाड़ी निकलने को कहती है माँ को खुद ही हॉस्पिटल ले कर जाती है पापा को फोन करती है पर वो कॉल नही ले पाते !
सलोनी हॉस्पिटल जा कर माँ को डॉ. को दिखती है उसे ओ टी में ले जाया जाता है डॉ नर्स की अफरा तफरी लगी रहती है वो पूछती है क्या हो गया डॉ. मेरी माँ तो ठीक है ना डॉ. बस उसे तसली दे कर चले जाते हैं अंदर बाहर सलोनी की जान अब तक सुख कर आधी हो गयी थी डर और बेचैनी उसके चेहरे पर साफ साफ दिखाई दे रही थी !
अब भी वो खुद को ही कोसती हुई भगवान के पास जाती है
भगवान मेरी माँ को ठीक कर दो मेरी गुनाह की सजा मेरी माँ को क्यों देते हो अगर में आज कमरे में न होती तो शायद माँ का ये हाल न होता मेरी किस्मत के दाग की सजा मेरी माँ को न दे तू जो करना है मुझे कर पर मेरी माँ को नई ज़िंदगी दे दे भगवान, कहते हुए बहुत जोर जोर से रोने लगती है !
एक महिला सलोनी के पास आती है वो उससे बोलती है बेटा भगवान सब ठीक करेगा तू फिक्र न कर वो है ना, तेरी माँ को कुछ नही होने देगा मेरा बेटा इस हॉस्पिटल में डॉ. है मैं उसे भेजती हूँ तेरी माँ को देख कर आएगा !
सलोनी को प्यार भरा सांत्वना मिलते ही पता नही कैसे वो उस महिला के गले लग कर रोती है वो तो किसी से घर मे बात नही करती थी और आज उस अजनबी के गले लग कर रो रही है
आँटी मेरी माँ को कुछ नही होना चाहिए अब बोलो न भगवान को मुझे सजा दे मेरी माँ को क्यों , नही नही बेटी भगवान कभी अपने बच्चों का बुरा नही करता वो जो भी करता है हमारी भलाई के लिए करता है !
कहा से आप को इस मे भलाई नजर आ रही है अंदर मेरी माँ ज़िंदगी ओर मौत से लड़ रही है और इससे देखो कैसे मुस्कुरा रहा है मेरी बेबसी पर ,
सलोनी रोए जा रही थी पर वो महिला उसे तसल्ली के मीठे बोल बोले जा रही थी सलोनी उससे ऐसे बात कर रही थी जैसे वो उसे बरसो से जानती हो !
वो अपने बेटे की पूछती है तो नर्स कहती है सर ओ टी में है मैंम एक एमरजेंसी केस आये हैं अच्छा वो समझ जाती है !
सलोनी को वो समझती रहती है तभी डॉ. बाहर आता है और सलोनी को खुशखबरी देते हुए कहता है आपकी माँ अब ठीक है वो अब खतरे से भी बाहर है अभी उन्हें ओ टी से शिफ्ट कर दिया जाएगा तो आप उनसे मिल सकती है !
वो डॉ. उस महिला को बोलता है माँ तुम यहाँ, क्या हुआ सब ठीक तो है! बेटा सुबह तू इतनी जल्दी में रहता है कि आज टिफिन ले जाना ही भूल गया अरे माँ तूम भी न, चलो अब कैबिन में चलाते है !
सलोनी को बोलती है मैं नही कहती थी माँ ठीक हो जाएगी देख भगवान ने सब ठीक कर दिया अभी भगवान को कोसा करती है अब उनका जा कर शुकिया अदा करो, सलोनी अपनी आँखें नीचे कर लेती है !
बेटा चल तू भी कुछ खा ले, नही आँटी माँ को देख कर ही मुझे चेन मिलेगा !
डॉ . भी सलोनी को खाने की बोलता है पर वो न में अपना सर हिला देती है !
आप आगे देखते हैं क्या होता है ! सलोनी जो अभी तक डर डर कर अपनी ज़िंदगी जी रही थी क्या अब उसकी जिंदगी ने एक नई करबट ली है या कोई नई कहानी का आगाज़ है !
23
आँचल सोनी 'हिया'
19-Oct-2022 11:52 PM
Bahut sundar rachna likha hai aapne ma'am 🌺💐👍
Reply
Renu
18-Oct-2022 11:18 PM
Nice 👍
Reply
Palak chopra
18-Oct-2022 10:35 PM
Bahut khoob 💐👍
Reply